सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस में ड्रग्स एंगल की जांच कर रही एनसीबी पर आरोप लगा है। सुशांत के हाउस हेल्प रहे दीपेश सावंत ने जांच ब्यूरो के खिलाफ हाईकोर्ट में अवैध रूप से हिरासत में रखने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं दीपेश ने भारत सरकार से इसके लिए 10 लाख रुपए के हर्जाने की मांग भी की है।
याचिका में सावंत के वकील राजेंद्र राठौर ने कहा है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 और 22 का पूरी तरह से उल्लंघन किया है।
दो हफ्ते पहले मिली है जमानत
दीपेश सावंत को एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 (बी) (ii) (ए), 23, 29 और 30 के तहत गिरफ्तार किया गया था। हालांकि इसके बाद दीपेश को दो हफ्ते पहले 7 अक्टूबर को रिया चक्रवर्ती और सैमुअल मिरांडा के साथ ही जमानत मिल चुकी है। दीपेश ने याचिका में आरोप लगाया है कि एनसीबी ने अपने रिकॉर्ड में उसे 5 सितंबर को रात 8 बजे अरेस्ट किया बताया है। जबकि उसे 4 सितंबर की रात 10 बजे ही अरेस्ट कर लिया गया था।
याचिका में बताई उल्लंघन की बात
दीपेश की याचिका में लिखा है कि उसे छुट्टी के बाद 6 सितंबर को दोपहर डेढ़ बजे कोर्ट के सामने पेश किया गया। इसके बाद एनसीबी ने 9 सितंबर तक कस्टडी में रखा। यानी उसे 36 घंटों के बाद मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। जिससे अपेक्स कोर्ट की गाइडलाइन और संविधान के आर्टिकल 22 का उल्लंघन किया गया, जिसमें यह कहा गया है कि गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर कोर्ट मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत करना होता है।
याचिका के आखिर में कोर्ट से भारत सरकार द्वारा 10 लाख रुपए हर्जाना दीपेश सावंत को दिए जाने की मांग की गई है।
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