आरटीआई में सूचना मांगने वाले वीरेंद्र सिंह ने करीब ढाई साल पहले डीएसओ कार्यालय के बाबू पर धमकाने का आरोप लगाया। फिर जांच के लिए न तो मोबाइल दिया और न ही खुद का वॉयस सैंपल।
बल्कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान उसके वकील ने कहा कि अब वे इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं चाहते। इस पर कोर्ट ने डीएसओ के बाबू हरिओम गुप्ता के खिलाफ मामला खारिज कर दिया। उल्लेखनीय है कि करीब 3 साल पहले इस मामले की ऑडियो वायरल हो गई थी। तब यह मामला कई दिनों तक चर्चा में रहा था।
पुलिस ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि शिकायतकर्ता वीरेंद्र सिंह ने वह मोबाइल नहीं दिया जिसमें उसने बाबू हरिओम गुप्ता की बातचीत रिकॉर्ड की थी। ऑडियो सीडी की एफएसएल जांच के लिए उसने वॉइस सैंपल भी नहीं दिया था। गुप्ता पर आरोप था कि जनवरी 2018 में उसने आरटीआई आवेदक को फोन करके पहले कार्यालय में आने पर ही सूचना उपलब्ध कराने को कहा। जब आवेदक वीरेंद्र सिंह ने कहा कि सूचना के लिए कार्यालय आने की क्या जरूरत है तो गुप्ता ने धमकी दी कि हमने आप के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर दी है। आपको पुलिस द्वारा गिरफ्तार करवाया जाएगा।
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