
उपखंड क्षेत्र के गांवों में प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के तहत बनी डामरीकृत सड़कें अब टूट कर खस्ताहाल हो चुकी हैं। सड़कों के बीचोंबीच में बड़े-बड़े गड्ढे बन गए है एवं कुछ गांवों में तो ये सड़कें नाम मात्र की रह गई है।
काफी लंबे समय से सड़कों के जर्जर होने से उसमें से कंकरीट व बड़े-बड़े पत्थर भी उभर कर बाहर निकल गए है। जिससे कई बार वाहन चालकों के टायर फट जाते हैं और बड़ी दुर्घटना का अंदेशा बना हुआ हैं।
वही सड़कों की हालत खराब होने से दुपहिया वाहन चालकों को आए दिन दुर्घटना होती रहती हैं। वही क्षतिग्रस्त सड़कों के कारण रात्रि के समय दुर्घटनाओं का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता हैं। ऐसे में राहगीरों को टूटी सडक का खामियाजा भुगतकर समय व धन का नुकसान हो रहा है।
सडक़ गारंटी पीरियड में, फिर भी उखड़ गई
उपखंड के जालमपुरा ग्राम पंचायत मुख्यालय से वरणीया नाड़ा जाने वाली सडक दो तीन पहले बनी थी, जो अभी पांच साल की गांरटी पीरियड में है। लेकिन वर्तमान में ये सडक पूरी तरह से उखड़ चुकी हैं। सडक पर जगह-जगह बड़े गड्ढे पड़ गए है। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने विभाग के अधिकारियो को करने पर विभाग ने ठेकेदार के माध्यम से फौरी तौर पर पेश वर्क करवाया।
लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि सडक अभी गारंटी पीरियड में है ऐसे में इस सडक को पूरी ठीक करवानी चाहिए। लेकिन विभाग के अधिकारियो की उदासीनता के कारण ठेकेदार मात्र पेचवर्क करवाकर कार्य की इतिश्री कर रहे है। उधर ग्रामीणों ने पेचवर्क कार्य का विरोध किया है।
इन सड़कों की स्थिति खराब
उपखंड क्षेत्र की कई सड़कें देखरेख के अभाव में क्षतिग्रस्त हो गई है और दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है। ऐसी सड़कों में तालियाना से आकवा, तालियाना से सोनाराम के बेरे जाने वाली सडक़, विशाला से कोमता सडक़, जीवाणा से जालमपुरा, सांगाणा फांटा से सांगाणा जाने वाली सडक सहित क्षेत्र की आधा दर्जन संपर्क सड़कें पूरी तरह से खस्ताहाल है। वही गांवों को जोडने वाली मुख्य सड़कें खराब है। जिससे स्थानीय लोगों हो प्रतिदिन एक जगह से दूसरी जगह जाने में समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है।
स्वीकृति मिलने पर ठीक करवाएंगे
^ क्षतिग्रस्त सड़कें जो गारंटी अवधि में है वो ठेकेदार ठीक करवाएगा। क्षेत्र की सभी क्षतिग्रस्त सड़कों की आपदा कोष के तहत स्वीकृति के लिए भेजी हुई है, स्वीकृति मिलने पर सड़कों की मरम्मत करवाई जायेगी।
- अनिल माथुर, सहायक अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग, सायला।
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